ट्रेडिंग वॉल्यूम क्रिप्टोकरेंसी बाजार का एक बेहद महत्वपूर्ण संकेतक है। यह किसी विशेष परिसंपत्ति पर एक निश्चित समय में की गई कुल ट्रेडिंग गतिविधि को दर्शाता है। ट्रेडर्स और विश्लेषक अक्सर वॉल्यूम का उपयोग बाजार की प्रवृत्तियों, संभावित उलटफेरों और निवेशकों की भावना को समझने के लिए करते हैं। इस लेख में, हम यह जानेंगे कि वॉल्यूम का सही तरीके से उपयोग कैसे करें और इसे प्राइस मूवमेंट को समझने व पूर्वानुमान लगाने के लिए कैसे लागू करें।
ट्रेडिंग वॉल्यूम की मूल बातें
वॉल्यूम से जुड़े कुछ बुनियादी पहलुओं को समझना आवश्यक है:
- वॉल्यूम: किसी क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री का कुल माप।
- टिक वॉल्यूम: एक निश्चित समय में मूल्य में बदलाव की संख्या।
- खरीद और बिक्री वॉल्यूम: कुल वॉल्यूम को खरीद और बिक्री के हिसाब से अलग करना।
वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट के बीच संबंध
प्रवृत्ति की पुष्टि करना
किसी कीमत में वृद्धि या गिरावट, जो उच्च वॉल्यूम के साथ हो रही है, आमतौर पर उस प्रवृत्ति की ताकत को दर्शाती है।
उदाहरण: बिटकॉइन की कीमत $25,000 से $30,000 तक बढ़ती है, और इस दौरान वॉल्यूम 800,000 BTC से 1.5 मिलियन BTC तक बढ़ता है। यह संकेत करता है कि खरीददारों का दबाव मजबूत है और प्रवृत्ति जारी रह सकती है।
विचलन (डाइवर्जेंस)
यदि कीमत बढ़ रही है लेकिन वॉल्यूम घट रहा है, तो यह दर्शाता है कि प्रवृत्ति कमजोर हो रही है।
उदाहरण: ईथर की कीमत $2,000 से $2,500 तक बढ़ती है, लेकिन वॉल्यूम में गिरावट आती है। थोड़े समय बाद, कीमतें गिरने लगती हैं, जो कमजोर प्रवृत्ति की पुष्टि करती हैं।
वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट का विश्लेषण कैसे करें?
ब्रेकआउट के दौरान वॉल्यूम
यदि किसी प्रमुख समर्थन या प्रतिरोध स्तर को पार करते समय वॉल्यूम में वृद्धि होती है, तो यह दर्शाता है कि यह ब्रेकआउट वैध है और एक नई प्रवृत्ति की शुरुआत हो सकती है।
उदाहरण: लाइटकॉइन $150 के आसपास स्थिर है। जब यह स्तर पार होता है और वॉल्यूम अचानक बढ़ता है, तो एक नई ऊर्ध्व प्रवृत्ति शुरू होती है।
चार्ट पैटर्न और वॉल्यूम
तकनीकी पैटर्न जैसे "हेड एंड शोल्डर्स," डबल बॉटम या फ्लैग्स के विश्लेषण में वॉल्यूम की भूमिका अहम होती है।
उदाहरण: ईथर के चार्ट में "हेड एंड शोल्डर्स" पैटर्न के दौरान, दाहिने शोल्डर पर वॉल्यूम कम हो जाता है, जो प्रवृत्ति उलटने का संकेत देता है।
वॉल्यूम और इंडिकेटर्स का संयोजन
वॉल्यूम का गहन विश्लेषण करने के लिए OBV (ऑन-बैलेंस वॉल्यूम) और VPT (वॉल्यूम प्राइस ट्रेंड) जैसे संकेतकों का उपयोग किया जा सकता है।
- OBV: जब कीमत बढ़ती है, तो वॉल्यूम जोड़ा जाता है; जब कीमत गिरती है, तो घटाया जाता है।
- VPT: वॉल्यूम और मूल्य की गति को जोड़ता है, जिससे छिपी हुई डाइवर्जेंस का पता लगाया जा सकता है।
उदाहरण:
- किसी क्रिप्टो की कीमत स्थिर रहती है, लेकिन OBV बढ़ता है, यह दर्शाता है कि कीमत जल्द ही बढ़ सकती है।
- VPT में गिरावट और कीमतों में वृद्धि दर्शाती है कि प्रवृत्ति कमजोर है। इसके बाद कीमतों में गिरावट शुरू हो जाती है।
निष्कर्ष
ट्रेडिंग वॉल्यूम एक शक्तिशाली उपकरण है जो प्रवृत्तियों की पुष्टि, उलटफेर की पहचान और तकनीकी पैटर्न का विश्लेषण करने में मदद करता है। इसे अन्य संकेतकों के साथ मिलाकर, ट्रेडर्स अधिक सटीक निर्णय ले सकते हैं और अपनी रणनीतियों को सुदृढ़ बना सकते हैं।
हालांकि, कोई भी संकेतक 100% सटीक नहीं होता। वॉल्यूम का उपयोग हमेशा समग्र बाजार विश्लेषण के हिस्से के रूप में किया जाना चाहिए। सही समझ और अभ्यास के साथ, आप इसे अपने ट्रेडिंग अनुभव को बेहतर बनाने में उपयोग कर सकते हैं।