रेंज ट्रेडिंग एक रणनीति है जिसमें ट्रेडर्स चार्ट का विश्लेषण करते हैं ताकि समर्थन और प्रतिरोध के महत्वपूर्ण स्तरों की पहचान की जा सके। ये स्तर यह निर्धारित करने में मदद करते हैं कि कोई संपत्ति कब ऊपर या नीचे जाएगी। समर्थन वह मूल्य स्तर है, जिसके नीचे संपत्ति आमतौर पर नहीं गिरती, जबकि प्रतिरोध वह स्तर है, जहाँ कीमत बढ़ना बंद कर देती है।
इस रणनीति के अंतर्गत, ट्रेडर्स उस रेंज का निर्धारण करते हैं जिसमें संपत्ति की कीमत oscillates (झूलती है)। जब कीमत निचले सीमा (समर्थन) पर पहुंचती है, तो ट्रेडर खरीदने पर विचार कर सकता है, जबकि ऊपरी सीमा (प्रतिरोध) के करीब आने पर बिक्री का संकेत मिल सकता है। यहाँ जोखिम प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कीमत की दिशा का गलत अनुमान महत्वपूर्ण नुकसान का कारण बन सकता है। इस रणनीति में सफलता के लिए बाजार के रुझानों को समझना और व्यापार में प्रवेश और निकासी के लिए सही समय का चयन करना आवश्यक है।